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वैष्णव हरिद्वार धर्मशाला के भामाशाह

प्रमुख संस्थापक संरक्षक ट्रस्टी

श्री जयन्ति भाई भगवानदास जी वैष्णव

जयको केमिकल्स, जयको हाऊस, प्लाॅट नम्बर 299, वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे, काशीमीरा भायन्दर, जिला ठाणे (महाराष्ट्र) मो. 09820030553
श्री जयन्ति भाई वैष्णव का नाम वैष्णव समाज से छुपा हुआ नहीं है ये वे शक्स है, जिसने न केवल अपने माॅ-बाप का नाम रोशन किया बल्कि अपने गांव व सम्पूर्ण वैष्णव समाज का नाम रोशन किया है ।

श्री जयन्ति भाई मूल रूप से राजस्थान के पाली जिले के सेवाड़ी गांव के है इनकी माता का नाम श्रीमती जराव बाई वैष्णव है जिनका हाल ही में दिनांक 17.04.2012 को मुम्बई में देहान्त हो गया तथा पिता का नाम भगवानदास वैष्णव है श्री जयन्ति भाई बी. वैष्णव का जन्म 15 मई 1952 को गांव सेवाड़ी में हुआ तथा उन्होंने अपनी 8वीं तक की शिक्षा गांव सेवाड़ी में ही की तथा उसके बाद मेट्रिक की पढ़ाई फालना स्टेशन श्री पारसनाथ उम्मेद हाईस्कूल से हिन्दी मीडियम में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की एवं आगे की पढ़ाई के लिए वह मुम्बई आ गये तथा यहां इंग्लिश मीडियम से B.Sc. (Hons.) की शिक्षा पाकर पोस्ट ग्रेज्युएट मेनेजमेन्ट का कोर्स किया ।

पढ़ाई पुरी होने के बाद 4 साल तक गोदरेज सेल्स के सेल्स डिपार्टमेन्ट में नौकरी की उसके बाद अपना स्वयं का व्यापार शुरू किया जो वर्तमान में JAYCO CHEMICAL INDUSTRIES के नाम से विश्ववभर में प्रसिद्व है । वर्ष 1971 में उनकी शादी पदमावती वरदीचन्द जी वैष्णव से अहमदाबाद में हुई उनके दो सुपुत्र एवं एक सुपुत्री है दोनों पुत्रों ने इग्लेण्ड से एम.बी.ए. और एम.एस. की डिग्री हासिल की और उनकी सुपुत्री ने मुम्बई युनिवर्सिटी से B.Sc. Computer Science, MMS (Master of Management Studies) की डिग्री पाई है ।

श्री जयन्ति भाई बी. वैष्णव, वैष्णव समाज के साथ-साथ अन्य सामाजिक संस्थाओं से भी जुडे हुए है, रोटरी इन्टरनेशनल में आप मेजर डोनर है, रोटरी इन्टरनेशनल ने कई बार आपका सम्मान किया है, हरे कृष्ण संस्था (इस्कोन) के आप चेयरमेन रहे है और माता-पिता के नाम से प्रसादम् होल का निर्माण भी करवाया है माता-पिता का अमृत महोत्सव सेवाड़ी में बहुत ही धुमधाम से मनाया। मुम्बई वैष्णव समाज भवन जब अधूरा पड़ा था तभी आपने गोविन्द जी एम. वैष्णव, मुम्बई की देखरेख में मिलकर भवन को पूरा करवाया व इसी के साथ ही रामकृष्ण मन्दिर का निर्माण भी कराया ।

श्री जयन्ति भाई बी. वैष्णव ने वैष्णव समाज के लोगो को अष्टविनायक यात्रा, वृन्दावन में सम्मेलन, कटरा में वैष्णोदेवी की यात्रा, चार धाम की यात्रा करवा कर धार्मिक व आधात्यमिक क्षैत्र में भी बहुत बड़ा कदम उठाया समाज के उत्थान हेतु वैष्णव समाज के कई लोगों एवं संस्थाओं को जगह-जगह भवन, छात्रावास तथा अन्य सामाजिक कार्यो हेतु श्री जयन्ति भाई ने आर्थिक मदद कर वैष्णव समाज के सबसे लोकप्रिय समाज सेवी व दान दाता की श्रेणी को प्राप्त किया ।

श्री जयन्ति भाई ने वैष्णव समाज के उत्थान हेतु अखिल भारतीय वैष्णव (चतुः सम्प्रदाय) विकास परिषद एवं ट्रस्ट बनाया जिसके माध्यम से परिषद एवं ट्रस्ट का प्रथम महासम्मेन तीर्थराज पुष्कर राजस्थान में करवाया है जहां पुरे भारत वर्ष से 18 हजार से भी अधिक वैष्णव बन्धु उपस्थित हुए तथा वहां पर ही पुष्कर में धर्मशाला हेतु जो जमीन ली हुई थी उस पर धर्मशाला बनाने एवं उसे पूरी करने का संकल्प लेते हुए अखिल भारतीय वैष्णव (चतुः सम्प्रदाय) भवन एवं शैक्षणिक ट्रस्ट का निर्माण वहां उपस्थित हजारों वैष्णव बन्धु की सर्व सम्मति से किया तथा अपने अर्थक प्रयासों से वैष्णव समाज की सबसे विशाल व अनोखी धर्मशाला का निर्माण करवाया एवं उसका उद्घाटन भी बड़ी ही धुमधाम से 13 से 15 मई 2010 को वैष्णव समाज के हजारों बन्धुओं की उपस्थिति में पुष्करराज में किया ।

वैष्णव समाज की सबसे बड़ी जरूरत को महसूस करते हुए जयन्ति भाई बी. वैष्णव ने उस जरूरत को समझ कर वैष्णव समाज की हरिद्वार में धर्मशाला का सपना साकार करने की कोशिश की और उसी कोशिश के चलते वर्तमान में श्री जयन्ति भाई एवं रामचन्द्र जी वैष्णव ने सम्पूर्ण वैष्णव समाज के लोगों के लिए बनीबनाई धर्मशाला खरीदने का सौदा कर लिया, जो धर्म शाला शान्ति कुंज के पीछे, बिरला फार्म हाऊस रोड़ नम्बर 5, हरिकला गांव, सप्त ऋषि आश्रम रोड़, हरिद्वार (उतराखण्ड) में आई हुई शीघ्र ही इस धर्मशाला के बेचान नामें की रजिस्ट्री करवा कर उसे वैष्णव समाज के लोगो के लिए शुरू कर दी जायेगी ।

श्री जयन्ति भाई बी. वैष्णव ने वैष्णव समाज के लिए ऐसे ऐतिहासिक एवं अनौखे कार्य किये जिसमें उनकी पत्नी श्रीमती पदमावती ने हर पल हर कदम में उनका साथ दिया जिसके लिए सम्पूर्ण वैष्णव समाज एवं वैष्णव वेबसाईट परिवार उनके जन्मोजन्म तक सहदय आभारी रहेंगे । श्रीमती पदमावती एवं श्री जयन्ति भाई बी वैष्णव ने वैष्णव वेबसाईट के संरक्षक बन वैष्णव वेबसाईट के संचालन में सहयोग किया जिसके लिए वैष्णव वेबसाईट परिवार आपको धन्यवाद देते है ।